"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।"

जश्न-ए-आज़ादी की मुबारकबात देते है

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तहे दिल से मुबारक करते है,
चलो आज फिर उन आज़ादी के लम्हों को याद करते है,
कुर्बान हुए थे जो.. वीर भारत देश के लिए..
उनके जज्बे, वीरता और अमरता को प्रणाम करते है.

जश्न-ए-आज़ादी का कुछ इस तरह... एलान करते है,
साँस रहे ना रहे ... जहन में ..
हम देश का मरते दम तक सम्मान करते है,
चल चलें आज से उस और... जहाँ हम हिन्दुस्तानी होने की बात करते है..

सिर्फ एक दिन का जश्न... नहीं है...
हर दिन हम... तिरंगे का मान रखते है,
लाख-दो लाख... बैठे सियासी लोगो से बढ़कर...
हम आज़ादी के क्रांतिवीरो को इस दिन सलाम करना पसंद ..करते है,

और बस इसी तरह... सभी को
जश्न-ए-आज़ादी की मुबारकबात देते है

जय हिंद ... वन्दे मातरम्

पीताम्बर शम्भू

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मैं, पीताम्बर शम्भू, आप सभी के समक्ष अपने लेख व विचारों को पेश करते हुए… हाल-फिलहाल के हालातों का ब्यौरा रखने की भी कोशिश कर रहा हूँ। अगर पसंद आये तो जरूर पढियेगा। . . धन्यवाद…।।

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