कुछ समय पहले तक मोबाइल फ़ोन की जगह टेलीफोन हुआ करते थे, जो की तारों के जरिये जुड़े रहते थे। और उनसे सम्बंधित सब जानकारी टेलीफोन एक्सचेंज रखते थे। लेकिन आधुनिक विश्व जिस गति से आगे की तरफ बढ़ा है उसका अनुमान फोनों के लगातार हो रहे उपग्रडेशन और नेटवर्क के बदलाव को देखकर भी समझा जा सकता है। जहाँ कल तक सिर्फ बात-चीत, फिर एस.एम.एस. और अलार्म लगाने तक ही मोबाइल बने लेकिन आज वही मोबाइल स्मार्ट हो गए हैं। एप्स, गेम्स, जीपीएस नेवीगेशन, वीडियो-ऑडियो, चैट्स- (व्हाट्सएप्प,फेसबुक,ट्विटर), पढाई-लिखाई से लेकर मनोरंजन तक जैसी सुविधा आज लगभग सभी अपनी जेबों में लिए घूम रहे हैं।
पल भर में लोग करीब हो जाते है, बनते है फिर बिगड़ जाते हैं। लेकिन जाने-अनजाने में बहुत लोग इनका भी गलत इस्तेमाल करते है।
मगर ध्यान दीजिये कि फोन का सही इस्तेमाल करने वाले भी कुछ न कुछ खो रहे हैं। जैसे हर मोबाइल डिवाइस वायरलेस ही होती है तो वह कुछ सिग्नल्स व रेडिएशन की वजह से ही कामगार सिद्ध होती है। लेकिन ये रेडिएशन हमारे सभी के लिए हानिकारक है।
अगर आप अपने मोबाइल का रेडिएशन चेक करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने मोबाइल से *#07# डायल करना होगा।
आप जैसे ही यह नंबर डायल करेंगे आपके स्क्रीन पर रेडिएशन वैल्यू आ जायेगी। आपको बताते चलें कि इंटरनेशनल एवं नेशनल मानक के मुताबिक मोबाइल फोन का रेडिएशन लेवल 1.6 वाट/किलो से अधिक नहीं होना चाहिए।
लेकिन मजबूत नेटवर्क के अंधे दौड़ में तमाम मोबाइल कंपनियां मानक को अनदेखी कर रही हैं। सेल्युलर टेलीकम्यूनिकेशन एंड इंटरनेट एसोसिएशन के अनुसार सभी मोबाइल हैंडसेट पर रेडिएशन संबंधी जानकारी देनी जरूरी है। मगर तमाम कंपनियां इसे नजरअंदाज कर रही हैं।
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