आतंकी सेना की वर्दी में आए थे और शनिवार तड़के करीब 3 बजे एयरफोर्स स्टेशन की दीवार फांदकर अंदर घुसने में कामयाब रहे। ये आतंकी दो टुकडिय़ों में एयरफोर्स स्टेशन में दाखिल हुए। एक टुकड़ी रेजिडेंशियल एरिया की तरफ चली गई तो दूसरी टेक्निकल एरिया की तरफ। सूत्रों के मुताबिक ये सीमापार से आए थे। (सीमापार मतलब सिर्फ पाकिस्तान) ये आतंकी आत्मघाती हमले की फिराक में थे, लेकिन जब हमले को अंजाम देने में नाकाम रहे तो आतंकियों ने पहले ग्रेनेड फेंके और फिर जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। इनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शामिल बताए गए।
भारत-पाकिस्तान सीमा से महज 40 किलोमीटर दूर स्थित यह हवाई बेस भारत के लिए सामरिक रूप से बेहद अहम है। यह जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बीच बना हुआ है और यहां मिग-21, एमआई-25 और एमआई-35 हमलावर हेलिकॉप्टर रखे जाते हैं।
पठानकोट आतंकी हमला शायद और भी बड़ा और खतरनाक हो सकता था, अगर उसका अंत जल्दी ना किया होता।
लेकिन सुचना मिलते ही गृह मंत्रालय ने अब तक का सबसे तेज कदम उठाते हुए एनएसजी कमांडो को पठानकोट रवाना कर दिया था। एनएसजी कमांडो आतंकी हमले से पहले ही पठानकोट एयरबेस पर मोर्चा संभाले हुए थे और जैसे ही आतंकी हमला हुआ एनएसजी कमांडोज से पंजाब पुलिस और आर्मी के साथ मिलकर सभी आतंकियों को मार गिराया। लेकिन इस लम्बी कार्यवाही के दौरान हमें अपने जवानों को भी खोना पड़ा। जो हम सभी भारतीयों के लिए सबसे दर्दनाक रहा।
पूरे हमले के दौरान एक आतंकी ने कार्यवाही से डरकर खुद को बम से उड़ा लिया। खबर के अनुसार घुसपैठ करने वाले आतंकवादी पठानकोट एयरबेस में घुसकर टेक्निकल एरिया पर कब्जा जमाना चाहते थे ताकि बहुत बड़ी तबाही मचा सकें। यह भारत सरकार का सबसे तेज और चतुराई भरा एक्शन रहा जिसकी वजह से NSG कमांडो ने आतंकियों से पहले ही पठानकोट एयरबेस पर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया और आतंकियों की कोशिश को नाकाम कर दिया। खबर के अनुसार कल ही गुरुदासपुर के एसपी सालविंदर सिंह को किडनैप कर लिया था और उनकी गाड़ी से फरार हो गए थे। सैनिक की गाड़ी में उन्ही की गाड़ी से आतंकी एयरबेस पहुंचे और ग्रेनेड से हमला कर दिया। गृह मंत्रालय को पहले ही आतंकी हमले की आशंका हो चुकी थी जिसकी वजह से कल ही NSG कमांडो को दिल्ली से पठानकोट रवाना कर दिया गया था।सूचना के अनुसार आतंकियों ने एयरबेस में घुसकर ग्रेनेड फेंके और आधुनिक हथियारों से ताबड़तोड़ गोलीबारी की। इन हमलों में दो जवान और एक कमांडों शहीद हो गए।
जरा सोचिये :-
अगर मौके पर एनएसजी कमांडो ना होते तो शायद यह हमला अब तक का सबसे बड़ा हमला होता।
अगर आतंकी अपनी कोशिश में कामयाब हो गए होते तो वे एयरबेस के अंदर घुस जाते और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाते हुए कई लोगों की जान ले लेते, उसके बाद उनका इरादा एयरबेस के टेक्निकल एरिया पर कब्ज़ा करके पूरे एयरबेस पर कब्ज़ा ज़माना था।
अगर ऐसा होता तो वे एयरफोर्स के संसाधनों का इस्तेमाल करके पूरे इलाके में तबाही मचा देते।
वहीँ दूसरी ओर हमारे द्वारा मुँहतोड़ कार्यवाही की बात की जाती है और मुँहतोड़ कार्यवाही भी होती है और आतंकवादी भी ढेर कर दिए जाते है, लेकिन साथ ही हम अपने जवान भी खो देते है और कुछ घायल होते है । हमारे वीर जवानों ने तो अपना सर्वस्व देश को दिया। हमने देश को क्या दिया??
Post a Comment