मुझे आराम करने दो, थोड़ी थकान तो उतरने दो,
जागते-जागते सदियाँ बीतीं, अब तो थोड़ा सोने दो,
हर लम्हा जीना है कब, कुछ तो करना है अब,
ख़ामोशी मिल जाये तो, मिल गए मुझे सब,
दुखों की कहानी को, अब ना दोहराओ तुम,
मुझे आराम करने दो, मुझे ना सताओ तुम,
सदियों का जागा हूँ, मैं वो अभागा हूँ,
खुली आँख में नीद लिए, सपनों का मारा हूँ,
यही सब कुछ फैला है, जिसका मुझे अंदाजा है,
हर वीरान सफर पे जाने से , डर अब लगता है,
मिटने-मरने की बातों से डरने से भी डरता हूँ,
हर लफ्ज़ लिखते लिखते, गलत मिटाने से डरता हूँ,
हो जाये यकीन तो मुझको भी पढ़ लेना कोई,
बिखरी, उजड़ी बातों में याद भी कर लेना कोई,
रो उठा हूँ जगते-जागते, नींद भी आँखों से ओझल है,
मुझे माफ़ करो दोस्तों, शायद कल ही कल है,
मुझे आराम करने दो अब, अकेला मुझे रहना है,
मुश्किल दौर से गुज़रा हूँ, रोने-सोने मुझे जाना है
जागते-जागते सदियाँ बीतीं, अब तो थोड़ा सोने दो,
हर लम्हा जीना है कब, कुछ तो करना है अब,
ख़ामोशी मिल जाये तो, मिल गए मुझे सब,
दुखों की कहानी को, अब ना दोहराओ तुम,
मुझे आराम करने दो, मुझे ना सताओ तुम,
सदियों का जागा हूँ, मैं वो अभागा हूँ,
खुली आँख में नीद लिए, सपनों का मारा हूँ,
यही सब कुछ फैला है, जिसका मुझे अंदाजा है,
हर वीरान सफर पे जाने से , डर अब लगता है,
मिटने-मरने की बातों से डरने से भी डरता हूँ,
हर लफ्ज़ लिखते लिखते, गलत मिटाने से डरता हूँ,
हो जाये यकीन तो मुझको भी पढ़ लेना कोई,
बिखरी, उजड़ी बातों में याद भी कर लेना कोई,
रो उठा हूँ जगते-जागते, नींद भी आँखों से ओझल है,
मुझे माफ़ करो दोस्तों, शायद कल ही कल है,
मुझे आराम करने दो अब, अकेला मुझे रहना है,
मुश्किल दौर से गुज़रा हूँ, रोने-सोने मुझे जाना है