मंजूर नहीं है वापस जाना,
कहते हो तो… चला जाता हूँ,
जीते रहो तुम अपनी ज़िन्दगी,
एक बार कहदो तो… दुनिया ही छोड़ के चला जाता हूँ,
नहीं पा सके हम जो मंजिले
तो जाना कहाँ है आखिर?
जीना तो रहा नहीं बसकी बात मेरे
तो बताओ मरना कहाँ है आखिर ?
कह रहे हो तो दुनिया छोड़ के चला जाता हूँ…
कहा तुमने ही था तो… अब
दुनिया छोड़ के जा रहा हूँ,
मुबारक हो तुम्हे ही ये नयी ज़िन्दगी, नए रास्ते,
नयी मंजिलें, नए वास्ते
पर
कहाँ तक साथ आये थे मेरे, कहाँ तक साथ मुझको तुम लाये थे,
इतना हो याद तो बता देना मुझे,
मुझे तो याद नहीं है कुछ,
भटकना चाहता नहीं, हो मुमकिन तो रास्ता दिखाओ मुझे,
इतना तोडा जो है तुमने मुझे बदकिस्मती ने भी साथ दिया,
जो भी हुआ अच्छा हुआ,
इसमें तुम्हारा जो फायदा रहा,
है आखिरी सलाम मेरा,
चलता हूँ अब एक सफर पर…
जिसपे लिखा है बस नाम मेरा,
तुमने ही तो कहा था … तो चला जाता हूँ
अब मंजूर नहीं मुझे वापस आना।
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