ये अज़ब दुनिया है, अधूरी इसकी कहानी है,
अलग अलग, मतलब के है लोग, अलग सबकी निशानी है,
बिना मंजिल के जाओगे कहाँ, दुनिया में बड़ी बेईमानी है,
जिस जगह ठहरोगे तुम, वो जगह काफी पुरानी है,
..
आसान लगता तो है रास्ता, पर राहें सुन्सानी है,
समंदर से जाओगे तो, कश्ती वहीँ डूब जानी है,
उम्मीद रखोगे दिल में तो, जगह वही जानी पहचानी है,
जान पाओगे क्या है दुनिया, क्या अधूरी इसकी कहानी है,
..
क्यों परेशान है सब, क्या सब को परेशानी है,
अज़ब दुनिया है बस, ये छोटी सी कहानी है,
शुरू होती है ज़िन्दगी से, और मौत पे खत्म हो जानी है
****पीताम्बर शम्भू ****