"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।"

लाल बहादुर शास्त्री जी

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|| लाल बहादुर शास्त्री जी को उनके जन्मदिवस पर शत शत नमन ||


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भारत के दूसरे प्रधानमंत्री,
बड़े ही शिष्टाचारी थे,
.. नहीं हो सकता कोई नेता उनके जैसा 
जैसे "लाल बहादुर शास्त्री" थे,

गांधीजी का.. जिस दिन जन्म हुआ,
उसी दिन इनका भी जन्म हुआ,

छोटे कद के थे लेकिन,
उनकी बातो का भी जवाब नहीं,
देश के लिए सब काम किये.. 
थकने का उनके लिए कोई नाम नहीं,

गांधीजी के साथ कार्य किया,
असहयोग में उनका साथ दिया,

देश के लिए मर मिटने को तैयार रहते थे,
अपने इरादों में साफ़-निर्मल भारत का निर्माण चाहते थे,
"जय जवान जय किसान" कहकर.. देश और अर्थव्यवस्था संभाली थी,
पाक से युद्ध चल रहा था तब.. जवानो में हिम्मत बढाई थी,

अकेले ऐसे नेता हुए है .. जिसके पास कोई दौलत नहीं,
शिष्टाचार,सदाचार, सहज जीवन था उनके पास...
और इनसे बेहतर कोई दौलत नहीं.

संदिघ्द मृत्यु अचानक होने से ... देश की हिम्मत टूटी थी,
खो दिया था एक बहुत अच्छा नेता.. शोक की लहर भारत में छूटी थी 

"नहीं भूल सका था कोई भी उनको... ना ही किसी के द्वारा भुलाये गए

.. याद आते रहे शास्त्री जी और ..भारत रत्न से मरणोपरांत...  नवाजे गए" 
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आज उनके जन्मदिवस पर उन्हें दिल से याद कर उन्हें नमन करें और उनके जैसे जीने की कोशिश करें, उन जैसा बनने की कोशिश करें।

वन्दे मातरम्..!!
जय हिन्द..!! जय भारत..!!
****पीताम्बर शम्भू ****

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