"जनता के राष्ट्रपति" डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम हमेशा हमेशा के लिए सभी भारतवासियों को अलविदा कह गए। वह आखिरी सांस तक पढ़ाते ही रहे, जैसे वे हमेशा से कहते थे कि "मैं एक टीचर हूँ,और हमेशा एक टीचर के रूप में याद किया जाना चाहूंगा।" बस यही बात उनकी आज सच साबित हुई, आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा जिससे पे तुरंत बेहोश होकर गिर पड़े। बेथनी अस्पताल में डॉक्टरों ने भरसक प्रयास किये, लेकिन वे उन्हें बचा ना सके, देर शाम 7:45 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वे पढ़ाते-पढ़ाते ही हम सबको हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह गए।
वैसे तो उनका संपूर्ण जीवन ही एक मिसाल है। लेकिन मिसाइलमैन की बातें आज और आनेवाले समय में भी हम सभी के जीवन के लिए प्रेरणादायी रहेंगी।
कुछ बातें जो मेरे लिए प्रेरणादायी रही :-
१. सपना क्या होता है? :- डॉ कलाम ने सपनें देखने पर जोर दिया। मगर सपने वो होने चाहिए जो हमें रात को सोने नहीं दे रहे हों। यदि हम अपने जीवन में सपने नहीं देखेंगे तो हमारे जीवन का कोई लक्ष्य या मकसद नहीं रह जायेगा। सपने देखना जरूरी है, तभी तो हम उन्हें सच करने का प्रयास कर सकते हैं। "आपका सपना सच हो इसके लिए जरूरी है कि आप सपना देखें। "
२. हमेशा नयी सोच रखो और उसी की बात करो :- उनके मुताबिक, हर एक व्यक्ति को कुछ नया करनी की हिम्मत रखनी चाहिए। जो कोई दूसरा नहीं कर पा रहा हो। उसे करने की हिम्मत रखो, तभी कोई नया मुकाम, नयी बुलंदी को हम छू सकेंगे। अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित रहो।
३. मैं कर सकता हूँ :- कभी भी दिल और दिमाग में कोई नकारात्मक विचार नहीं आना चाहिए, हमेशा ये सोच रखो कि मैं कर सकता हूँ। यदि हमने काम किसी और पर टाल दिया, या खुद करने से कतरा रहे है तो समझो आपमें नकारात्मक विचारों ने घर कर लिया है। उनसे बाहर निकलो सकारात्मक बनो, कभी हार मत मानो, और कड़ी चुनौतियों का डट कर सामना करो जबतक तुम उसे हरा नहीं देते।
४. कौन कहता है हम अकेले है ? :- हम अकेले नहीं है, आसमान की तरफ देखो। पूरा ब्रह्माण्ड हमारा मित्र है और जो सपना देख रहे हैं और मेहनत कर रहे है उन्हें एक बेहतरीन फल देने की कोशिश कर रहा है।
५. हमेशा बड़ा सोचो, छोटी सोच अपराध है :- डॉ कलाम हमेशा कहते रहे हैं कि हमेशा कुछ बड़ा करने की सोचो और ठान लो, मुश्किलें कितनी भी आएं उनसे डटकर मुकाबला करो। छोटी सोच से कुछ फायदा नहीं ना आपका ना देश का। नकली सुख की बजाय ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये।
६. आत्मसम्मान आत्मनिर्भरता के साथ आता है :- यह हमें हमेशा याद रखा चाहिए की आत्मसम्मान आत्मनिर्भरता के साथ आता है। हमें पहले आत्मनिर्भर बनना होगा तभी जीवन में सकारात्मकता बढ़ेगी। यदि हम सवतंत्र नहीं है तो हमारा कोई आदर नहीं करेगा।
७. शिखर तक पहुंचना है :- शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है, चाहे वो माउंट एवरेस्ट का शिखर हो या हमारा पेशा… !! बस अपने ऊपर भरोसा रखो, हिम्मत रखो और मेहनत करो।
८. सुन्दर मस्तिष्क वाला बनो और बनाओ :- डॉ. कलाम ने अपने जीवन काल में सबसे ज्यादा छात्रों और युवा लोगो को प्रोत्साहित किया, क्योकि वे देश का भविष्य हैं। वे कहते थे कि अगर देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है तो सुन्दर मस्तिष्क वाला बनो, हमें एक सुन्दर मस्तिष्क वाला भारत बनाना है। जिसमें समाज के तीन लोग अपनी भूमिका सबसे अहम् निभा सकते हैं - पिता,माता और गुरु।
९. अपने कल के लिए अपने आज का बलिदान करो :- यदि हमें कल कुछ चाहिए या कुछ बनना है तो आज का बलिदान देना होगा। और अगर कल को कल पर ही छोड़ दिया तो भविष्य अंधकार में ही रहेगा। हमारा भविष्य सुरक्षित होना चाहिए चाहे व्यक्तिगत हो या देश का।
१०. बेहतरीन दिमाग :- डॉ कलाम साहब के शब्दों में... "खोजें, तो हो सकता है, कि देश का बेहतरीन दिमाग स्कूल में पीछे के बेंच/डेस्क पर मिल सकता है"
८. सुन्दर मस्तिष्क वाला बनो और बनाओ :- डॉ. कलाम ने अपने जीवन काल में सबसे ज्यादा छात्रों और युवा लोगो को प्रोत्साहित किया, क्योकि वे देश का भविष्य हैं। वे कहते थे कि अगर देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना है तो सुन्दर मस्तिष्क वाला बनो, हमें एक सुन्दर मस्तिष्क वाला भारत बनाना है। जिसमें समाज के तीन लोग अपनी भूमिका सबसे अहम् निभा सकते हैं - पिता,माता और गुरु।
९. अपने कल के लिए अपने आज का बलिदान करो :- यदि हमें कल कुछ चाहिए या कुछ बनना है तो आज का बलिदान देना होगा। और अगर कल को कल पर ही छोड़ दिया तो भविष्य अंधकार में ही रहेगा। हमारा भविष्य सुरक्षित होना चाहिए चाहे व्यक्तिगत हो या देश का।
१०. बेहतरीन दिमाग :- डॉ कलाम साहब के शब्दों में... "खोजें, तो हो सकता है, कि देश का बेहतरीन दिमाग स्कूल में पीछे के बेंच/डेस्क पर मिल सकता है"
अन्ततः मैं यह कहना चाहूंगा कि "भारत रत्न मिसाइलमैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साहब" जैसी शख़्सियत कभी मरा नहीं करते, वे तो सदैव हमारे, हम सब हिन्दुस्तानियों के हृदय में जीवित रहा करते हैं। हम सब भाग्यशाली है कि हमने उस दौर में जन्म लिया जिस दौर में कलाम साहब थे।आप मेरे जीवन में हमेशा मेरे प्रेरणास्रोत रहेंगे, मेरा आपको शत शत नमन। जय हिन्द..!!
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