पूर्व राष्ट्रपति और मशहूर वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम नहीं रहे। दिल का दौरा पड़ने से सोमवार को शिलॉन्ग में उनका निधन हो गया।
83 वर्ष के अब्दुल कलाम अपनी शानदार वाक कला के लिए मशहूर थे, लेकिन खबरों के मुताबिक, एक लेक्चर के दौरान ही काल ने उन्हें अपना ग्रास बना लिया।
शाम करीब 6:30 बजे आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़े। इसके तुरंत बाद उन्हें नानग्रिम हिल्स में बेथनी अस्पताल ले जाया गया।
शाम करीब 6:30 बजे आईआईएम शिलॉन्ग में लेक्चर के दौरान ही उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़े। इसके तुरंत बाद उन्हें नानग्रिम हिल्स में बेथनी अस्पताल ले जाया गया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने भरसक कोशिश की, लेकिन तब तक उनका देहांत हो चुका था। देर शाम 7:45 बजे उन्हें मृत घोषित किया गया।
देश में सात दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित कर दिया गया है। इसी कारण देश में कोई सरकारी राष्ट्रीय उत्सव नहीं मनाया जायेगा साथ ही सरकारी दफ्तरों व इमारतों पर तिरंगा झुका रहेगा।कलाम का पार्थिव शरीर मंगलवार को दिल्ली लाया जाएगा। रामेश्वरम में उन्हें सपुर्दे-ए-खाक किया जाएगा।
अस्पताल में सेना तैनात कर दी गई है। मेघालय सरकार औपचारिकताओं को पूरा कर रही है। सेना ही उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक घर तक लेकर आएगी। मुख्य सचिव पीबीओ वरजीरी ने अस्पताल के बाहर पत्रकारों को बताया कि
उन्होंने मंगलवार सुबह कलाम के पार्थिव शरीर को गुवाहाटी से दिल्ली ले जाने
के लिए जरूरी इंतजाम करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव एल सी गोयल से बात की
है।
अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो गया था निधन
अस्पताल के सीईओ जॉन साइलो ने बताया कि जब कलाम को अस्पताल लाया गया तब उनकी नब्ज और ब्लड प्रेशर साथ छोड़ चुके थे। डॉक्टरों ने कोशिश की, लेकिन उनके शरीर ने वापसी का कोई रिस्पॉन्स नहीं दिखाया।
अपनी मौत से करीब 9 घंटे पहले ही उन्होंने ट्वीट करके बताया था कि वह शिलॉन्ग आईआईएम में लेक्चर के लिए जा रहे हैं। उनका आखिरी ट्वीट यही था.
Going to Shillong.. to take course on Livable Planet earth at iim.
With @srijanpalsingh and Sharma.
— APJ Abdul Kalam (@APJAbdulKalam) July 27, 2015
पुश्तैनी घर में शोक, रोते रहे बड़े भाई
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के निधन की खबर आते ही उनके पुश्तैनी नगर रामेश्वरम में शोक की लहर दौड़ गई. उनके बड़े भाई और दूसरे रिश्तेदार शोकाकुल हैं. कलाम के घर के बाहर लोग बड़ी संख्या में जमा हो गए और पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर शोक जताया और उनको श्रद्धांजलि दी।
पूर्व राष्ट्रपति के भाई मोहम्मद मुथू मीरा लेबाई मारैकर (99) बहुत रो रहे थे और उनकी मांग है कि वह अपने भाई का चेहरा देखना चाहते हैं। मारैकर के पुत्र जैनुलआबुदीन ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति के पार्थिव शरीर को रामेश्वरम लाने की संभावना के बारे में अधिकारियों के साथ बातचीत हो रही है।
पूर्व राष्ट्रपति के सम्मान में स्थानीय मस्जिद को बंद किया गया है। इलाके के लोगों ने पूर्व राष्ट्रपति के मधुर स्वभाव को याद किया। लोगों ने इस बात का जिक्र खासतौर पर किया कि वह इतने बड़े मुकाम तक पहुंचने के बाद भी बेहद सरल स्वभाव के थे।
credits: आजतक
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