"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।"

कितना सुहाना मौसम हो गया आज

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कितना सुहाना मौसम हो गया आज
.. अब रख दिए सबने उठाकर ..अपने काम-काज ........
मौसम ने ली है आज अंगडाई,
.. ना जाने ये बे-मौसम बरसात कहाँ से आई........
चली पहले आंधी .. फिर बारिश शुरू हो गई,
.. दोपहर में धूप थी जो उसकी तो कसर पूरी हो गई . :) :) :)
.
अप्रैल में बरसात का आनंद आ गया,.
.. पल भर में दिल्ली पर बादलो का साया छा गया ......
हर तरफ .. अनजान आंधी ने पूरी दिल्ली पर कहर ढा दिया,
 .. बारिश की बूंदों ने भी मौसम को सुहाना बना दिया  ......


बारिश से मिली है एक अनोखी राहत,
.. वरना गर्मी  से सबको हो रही थी आफत...
कल का दिन भी देखते है कैसा होगा ,

.. आज ही की तरह होगा या मौसम का फिर पुराना मिजाज़ होगा... :) :)

पीताम्बर शम्भू


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मैं, पीताम्बर शम्भू, आप सभी के समक्ष अपने लेख व विचारों को पेश करते हुए… हाल-फिलहाल के हालातों का ब्यौरा रखने की भी कोशिश कर रहा हूँ। अगर पसंद आये तो जरूर पढियेगा। . . धन्यवाद…।।

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