"जन्मदिन है आज उस शख्सियत का जिसने सबसे पहले अंग्रेजो के साथ अकेले बगावत की... कारण था हमारे धार्मिक आदर्शो का अपमान.. जो अंग्रेजो ने सबसे पहले 1853 में करना शुरु किया.. तथा 1857 की क्रांति आज भी शहीद मंगल पाण्डेय के लिए हमेशा याद की जाएगी...
कुछ पंक्तियाँ इसी सन्दर्भ में पेश की है...."
जन्म हुआ था यू.पी. में....
.. मंगल इंसान एक... भोला भाला था,
थोडा बहुत.. पढ़ लिखकर...
..वो बना .... ईस्ट इंडिया कंपनी का रखवाला था,
22 साल की उम्र में .. बन गया एक सिपाही था,
एक लफ्ज़ नहीं सुनता था... वो अंग्रेजो का सच्चा भाई था,
बात उसे वो पता लगी... जिससे खुद वो अनजान था,
1853 में आई नयी राइफल ... की असलियत से अज्ञान था,
सूअर, गाए की चर्बी से... कारतूस बनाया जाता था,
मुँह से काटकर .. उसे राइफल में ... एक-एक कर भरा जाता था,
लोगों के धार्मिक विश्वास को इससे ठेस पहुँचती थी,
लेकिन अंग्रेजों को ऐसे ही... करने में ख़ुशी मिलती थी,
खुद आँखों से देखने के बाद... उसने बगावत करने की मानी थी,
कारतूस बांटते समय... उसने.. तब ना लेने की... ठानी थी,
ऐसे करने पर .. उसकी राइफल और वर्दी .. को उससे छीना था,
आगे आये अंग्रेज अधिकारी को उसने...तभी गोली से भूना था,
उसके इस व्यवहार के कारण.. उसके कोर्ट-मार्शल का आदेश था,
खुद ही खुद में... अटल रहा... हट का उसमे समावेश था,
अंग्रेजों ने केस चलाकर..... उसे फाँसी की सजा सुनाई थी ,
भड़क ना जाये भारत की जनता इसलिए... 10 दिन पहले ही उसको फाँसी लगाई थी ,
मगर कुछ फर्क नहीं पड़ा लोगों पर... सबने मिलकर ऊँची आवाज उठाई थी ,
... यहीं से शुरु हुई पहली क्रांति.... जिसने हममें स्वतंत्रता की आस जगाई थी...!!!
****पीताम्बर शम्भू****
Post a Comment