"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।"

इमेज मेकिंग करने के लिए 526 करोड़ रूपए

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दिल्ली चुनावों के समय विरोधी दलों पर ‘विज्ञापनों’ पर असीमित खर्च करने का आरोप लगाने वाली ‘आम आदमी पार्टी’ आज स्वयं खुद के लिए सवालों के चक्रव्यूह में फंस गयी है। एक अंग्रेजी न्यूजपेपर के मुताबिक़ दिल्ली सरकार अपनी इमेज मेकिंग करने के लिए 526 करोड़ रूपए खर्च करने वाली है।


दिल्ली में रिश्वत बंद करने और बिजली पानी का बिल कम/माफ़ करने की ‘बड़ाई’ करने के लिए केजरीवाल सरकार अब विज्ञापनों के सहारे में टिक गयी है। पिछले दिनों सरकार के कई मंत्रियों,विधायकों की जनता में हुई ‘छिछलेदार’ से आप की छवि को काफी नुक्सान पहुँचा है।’आम आदमी की सरकार ने सत्ता संभालते ही दिल्ली को ‘भ्रष्टाचार’ मुक्त बनाने का वायदा किया था.केजरीवाल सरकार ने भ्रष्टाचार में पकड़े गए अधिकारियों और दर्ज की गई एफआईआर को लोगों तक पहुंचाने के लिए दिल्ली में जगह-जगह पर विज्ञापन लगाए हैं। पर स्वयं सरकार इन ‘होर्डिंग्स’ का खर्चा बताने को तैयार नहीं दिख रही है।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि सरकारी विज्ञापनों के होर्डिंग या बिलबोर्ड में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के अलावा किसी राजनीतिक हस्ती की फोटो का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। दिल्ली सरकार चालाकी से अब विज्ञापनों में केजरीवाल और उनकी पार्टी का नाम और फोटो दिए बगैर प्रचार में जुट गयी है। केजरीवाल की टीम के पूर्व चेहरे प्रशांत भूषण ‘दिल्ली गवर्मेंट’ के इस कदम को कोर्ट की अवमानना मान रहे हैं। उनके अनुसार ऐसे विज्ञापनों में अरविंद केजरीवाल का चेहरा भले ही न दिख रहा हो लेकिन पूरे विज्ञापन में अरविंद केजरीवाल को एक हीरो की तरह प्रोजेक्ट किया जा रहा है।

केजरीवाल सरकार को घेरने के लिए कमर कसे विपक्ष ने मौके का फायदा उठाते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। कांग्रेस के अनुसार पिछले बजट (2014-15) में प्रचार पर मात्र 24 करोड़ रुपये खर्च का प्रावधान था,जबकि इस सरकार ने 526.19 करोड़ खर्च करने की योजना बनाई है जो पिछले बजट प्रावधान से 2019 प्रतिशत ज्यादा है। इन दिनों दिल्ली में कुछ रेडियो चैनलों पर 76 सेकेंड लंबा दिल्ली सरकार का एक ऐड चलाया जा रहा है, इसमें केजरीवाल ‘जो कहा सो किया’ कहते हुए लोगों को सरकार की उपलब्धियों के बारे में बता रहे हैं।

अब कुल मिलाकर कहा तो यही जा सकता है कि आम आदमी पार्टी भी बाकि पार्टियों की राह पर निकलने लगी है शायद। इस बात को समझने के लिए यही सब तो काफी है जो हाल फिलहाल में पार्टी द्वारा किया जा रहा है।  

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मैं, पीताम्बर शम्भू, आप सभी के समक्ष अपने लेख व विचारों को पेश करते हुए… हाल-फिलहाल के हालातों का ब्यौरा रखने की भी कोशिश कर रहा हूँ। अगर पसंद आये तो जरूर पढियेगा। . . धन्यवाद…।।

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