"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।"

ये चीज़ें आपका जीवन बदल सकती हैं

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आज का आधुनिक समय तरक्की का है, प्रगति का है, उपलब्धियों का है। लेकिन इस समय में भी हम अपने जीवन में इस तरह उलझे हुए है कि हमें खुद होश नहीं है कि हम किस हाल में है। हम अंदर ही अंदर एक तनावपूर्ण जीवन की और अग्रसर होते रहते है जिसका सुधार और त्याग बेहद आवश्यक है। आईये कुछ मुख्य बिन्दुओं के माध्यम से संक्षिप्त में जानते  हम अपने जीवन को किस तरह एक सकारात्मकता दे सकते है :-

१. नई चुनौतियों को स्वीकार करो : प्रत्येक इंसान की ज़िन्दगी एक अलग होती है। लेकिन हर एक को रोजाना नई चुनौतियों को स्वीकार करना है, नई लड़ाईयां, नए ख्वाबों को अपनाना होता है। और इसके लिए हमें अपनी हिम्मत तथा अपने लक्ष्य को एक मकसद देने की जरुरत है। कोई भी अच्छा काम व्यर्थ नहीं जाता, देर से भले ही लेकिन उसका फल अवश्य मिलता है। 

२. बहार निकलो और खोज करो : खोज ये नहीं कि हमें किसी चीज़ का अविष्कार करना है या कोई इतिहास खोजना है। बल्कि पर्यावरण में अपनी हंसी ढूंढो, नये नए जीने के सकारात्मक ढंग ढूंढो।  ताज़ी हावा का आनंद लो और पर्यावरण के साथ, प्रकृति के साथ वक्त बिताओ।


३. सामाजिक रहो : सामाजिक रहने का अभिप्राय हर उस परिस्थिति से जुड़ा हुआ है जिसमें हम समाज से जुड़े रहते है। याने, समय समय पर मित्र बनाते रहो, उनसे बोलचाल रखो, उनकी मदद लो और करो भी।


४. हर मुश्किल में हँसते रहो : जीवन सदैव एक सा नहीं रहता,परिस्थितियाँ स्वतः बदलती रहती हैं। कभी सुख कभी दुःख, जीवन के लिए ये दोनों ही एक महत्वपूर्ण है। हमें हर परिस्थिति में सामान्य ही बने रहना है। 


५. वैज्ञानिक सोच रखो : वैज्ञानिक सोच से प्रत्येक इंसान के जीवन में एक क्रांति का संचार हो सकता है। कभी भी आँख बंद करके किसी पर बेमन से भरोसा नहीं करना चाहिए। उसकी तह तक पहुंचें, जानकारी प्राप्त करें तब माने। 


६. मित्र बनाते रहो और ख्याल रखो : जीवन के इस लम्बे सफर में कभी ना कभी मित्रों की और भला चाहने वालों की जरुरत होती है। हमें चाहिए कि समय-समय पर मित्र बनाते रहें, सभी से प्यार से बोलें व बातें करें और उनका ख्याल रखें । 


७. रोजाना किसी न किसी का उत्साह बढ़ाओ : रोजाना किसी न किसी का उत्साह बढाईये, ऐसा करने से हमारे दिल भी प्रसन्न होगा। और सामने वाले को हौसला मिलेगा की शायद कोई तो उसके साथ है।(लेकिन नकारत्मकता से बचें)


८. हमेशा सत्य बोलो और झूठ का नाश करो : हमेशा सत्य बोलने की कोशिश करो, क्योंकि सत्य को प्रमाण की जरुरत नहीं और न ही सत्य को याद रखने की जरुरत। जबकि झूठ को हमें उतनी बार याद रखना पड़ता है जितनी बार बोला है। और लाख झूठ भी सत्य को दबा नहीं सकते, वो वक्त पर स्वतः प्रदर्शित हो जाता है। 


९. एक अच्छी निंद्रा अवश्य लो : प्रत्येक कार्य के पश्चात् थकान या आलस का अनुभव होता है। यही आलस हमारी प्रगति में बाधा बन सकता है और इसीलिए हमें रात में अच्छी निंद्रा लेने की जरुरत होती है। ताकि सुबह फिर से वही हर्ष और उल्लास के साथ नयी शुरूआत कर सकें।  


१०. अपने अकेले के लिए काम से काम ५ मिनट निकालो और शांत रहने का प्रयास करें  : ये बेहद जरुरी चीज़ है कि आज की आधुनिक दुनिया में हम बेहद बुरी तरह भागमभाग में लगे रहते हैं और ऐसे में हम अपने लिए खुद शांति से ५ मिनट ना निकाल पाएं तो इससे ज्यादा निराशाजनक स्थिति क्या होगी? उन ५ मिनट में खुद को देखें और अपनी कमियों को पहचाने तथा किस तरह उन को सुधार सकते है औका भी निश्चय करें। 


अंततः यही कहना चाहूँगा, कि ये उपरोक्त चीज़ें अपने जीवन में अपनाकर देखिये और यकीन मानिये, इस तनावपूर्ण जीवन में आप एक नया ताजगी भरा अनुभव करेंगे। 
धन्यवाद।।

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मैं, पीताम्बर शम्भू, आप सभी के समक्ष अपने लेख व विचारों को पेश करते हुए… हाल-फिलहाल के हालातों का ब्यौरा रखने की भी कोशिश कर रहा हूँ। अगर पसंद आये तो जरूर पढियेगा। . . धन्यवाद…।।

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