पीएफ हर कर्मचारी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है, क्योंकि इस पर अच्छा ब्याज तो मिलता ही है, साथ ही इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है और भविष्य के लिए बचत भी होती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) सुविधा की शुरुआत करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री एक ऐसा वेब पोर्टल लॉन्च करेंगे, जिसके जरिए ईपीएफओ सदस्य अपने यूनिवर्सल पीएफ एकाउंट को रियल टाइम बेसिस पर देख सकेंगे।
पहले जब भी कोई व्यक्ति कंपनी छोड़ता था, तो वह पीएफ के पैसे निकालता था। हालांकि, अब पैसे निकालना अनिवार्य नहीं है, क्योंकि 1 जनवरी 2014 से सभी को यूएएन नंबर दे दिया गया है। यह नंबर कोई भी कर्मचारी अपने एचआर से पता कर सकता है।
यूएएन नंबर मिल जाने के बावजूद कई बार कुछ लोगों को नौकरी छोड़ने पर पीएफ के पैसों की जरूरत होती है। लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता है कि आखिर पीएफ निकालने की प्रक्रिया क्या है। इस सवाल का जवाब आइए हम आपको देते हैं।
-पीएफ का पैसा निकालने के लिए आवेदन के लिए आपको नौकरी छोड़ने के बाद 2 महीने तक इंतजार करना होता है। इसका मतलब हुआ कि यदि 31 अक्टूबर आपका आखिरी वर्किंग डे है, तो आप इसके 2 महीने बाद 31 दिसंबर 2014 के बाद ही पीएफ निकालने के लिए अपने पुराने ऑफिस में आवेदन कर सकते हैं।
-ऑफिस से आपको दो फॉर्म दिए जाते हैं, पहला है फॉर्म-19 और दूसरा है फॉर्म-10c. इन दोनों फॉर्म को जमा करके ऑफिस के एचआर के पास जमा करना होता है। इस फॉर्म में आपको अपना अकाउंट नंबर, मोबाइल नंबर, नाम और पता जैसी जानकारियां भरनी होती हैं और 1 रुपए के दो रिवेन्यू स्टैम्प फॉर्म में दी जगह पर लगाने होते हैं। इस फॉर्म को कंपनी के अधिकारियों द्वारा वैरिफाई किया जाता है, जिसमें आपकी जानकारियों की जांच की जाती है। सामान्यतया इस वैरिफिकेशन में मामूली समय लगता है, लेकिन यदि फॉर्म अधिक हों तो समय अधिक भी लग सकता है।
-एम्प्लॉयर द्वारा वैरिफाई करने के बाद इन दोनों फॉर्म को ईपीएफओ के ऑफिस में जमा करना होता है। इसे कर्मचारी खुद भी ले जाकर जमा कर सकता है। यदि वह खुद नहीं जाना चाहता, तो कंपनी को इसके बारे में कह सकता है और कंपनी इन दोनों फॉर्म को खुद ही ईपीएफओ ऑफिस में जमा कर देती है।ईपीएफओ कार्यालय में भी इन दोनों फॉर्म का वैरिफिकेशन किया जाता है। इस वैरिफिकेशन में आपका अकाउंट नंबर, हस्ताक्षर, कंपनी के अधिकारी के हस्ताक्षर आदि की जांच की जाती है। वैरिफिकेशन पूरी होने के बाद ईपीएफओ के अधिकारी फॉर्म को आगे की प्रक्रिया के लिए फाइनेंस डिपार्टमेंट में भेज देते हैं।
-इसके कुछ दिनों बाद पैसा आपको भेज दिया जाता है। यह पैसा सीधे आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है। यदि आप चाहे तो इसे आपको कूरियर द्वारा भी भेजा जा सकता है। इसके लिए आपको फॉर्म में पहले से ही बताना होगा कि पैसे कूरियर द्वारा चाहिए या फिर सीधे अकाउंट में। ईपीएफओ ऑफिस से वैरिफाई हो जाने के कम से कम 7 दिन बाद आपको पैसे भेज दिए जाते हैं। आपको पैसे मिलने में अधिकत समय 45 दिन भी लग सकता है।
Source:- http://www.p7news.tv
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