जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार आज जेएनयू परिसर में छात्रों को संबोधित किया। जी हाँ, कन्हैया कुमार ने फिर लगाये जेएनयू में आजादी के नारे अब बोलो और ध्यान से देखो कहा क्या है आखिर कभी फिर से पेट में दर्द होने लगे। वास्तव में जो नारे लगाये गए थे वो न तो राष्ट्रविरोधी और न ही कोई भड़काऊ मकसद के लिए थे। कन्हैया और बाकी मौजूद छात्रों ने लेफ्ट से जुड़े छात्रों का एक प्रचलित गीतनुमा नारा लगाया था। इसमें कन्हैया ने कहीं भी देश विरोधी नारे नहीं लगाये थे। वो तो डॉक्टर्ड किये गए थे और धड़ल्ले से मीडिया वालों ने उनको जनता के सामने पेश किया, लगभग सभी ने। मैंने, आपने, इसने उसने.... जिसने भी देखा पहली बार देखते ही कन्हैया को दोषी कह डाला। फिर क्या था धीरे धीरे सच सामने आने लगा.... कुछ और वीडियो भी मिलने लगी। अब जब वीडियो में इतना अंतर पाया गया और अंतर होते हुए भी किसी पर देशद्रोही का इलज़ाम लगा दिया जाये तो कहाँ का इन्साफ, ये तो जांच का विषय था। हम कौन थे फैसला लेने और करने वाले। हमको किसने हक़ दिया, क्या हम देश के क़ानून और देश से बड़े हो गए। अरे भाई देश और देश के संविधान से बड़े तो हमारे मंत्री, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति भी नहीं है। बाबा साहेब अम्बेडकर जी के द्वारा रचित भारतीय संविधान की धज्जियाँ उड़ा कर रख दीं हम लोगो ने, सबको शर्म आनी चाहिए।
अब कुछ लोगों का दर्द अब भी शांत नहीं हुआ है। वे लगातार चर्चा कर रहें हैं कि आखिर कन्हैया किस संघर्ष की बात कर रहा है। वास्तव में वह देश में फैली बुराईयों, कमीयों से संघर्ष की बात कर रहा है। साथ ही बाबा साहेब के आदर्शों के साथ रोहित वेमुला केस में भी पूरा न्याय किये जाने पर भी जोर दिया। बात इतनी है कि वह भारत से नहीं भारत में की बातें करता नजर आता है पर फिर भी कुछ नारों को देख कर उनको बदलकर पेश किया गया और बात को इतना गंभीर बना डाला कि ये देशद्रोही ही साबित कर दिया। कश्मीर और अफजल के नारे कन्हैया ने नहीं लगाये। गृह मंत्रालय ने ये भी माना की अति उत्साहीपने में ये काम किया गया और एक केस दूसरे केस से जोड़ दिया गया साथ ही इस केस के साथ लांस नायक हनुमंनथप्पा को भी जोड़ दिया गया।
आज कन्हैया द्वारा की गयीं कुछ ख़ास बातें :-
1. इस देश में जनविरोधी सरकार है। उस सरकार के ख़िलाफ़ बोलेंगे तो इनका साइबर सेल डॉक्टर्ड वीडियो दिखाएगा।
2. हमें एबीवीपी से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि हम सही मायनों में गणतांत्रिक लोग हैं. हम भारतीय संविधान में विश्वास करते हैं।
3. दोस्तों मैं तुम्हारा यानी एबीवीपी का विच-हंटिंग नहीं करूंगा क्योंकि शिकार उसका किया जाता है जो शिकार करने लायक है। हम एबीवीपी को एक शत्रु की तरह नहीं बल्कि विरोधी के तौर पर देखते हैं।
4. प्रधानमंत्री जी ने ट्वीट किया है और कहा है सत्यमेव जयते. प्रधानमंत्री जी आपसे भारी वैचारिक मतभेद है लेकिन क्योंकि सत्यमेव जयते आपका नहीं इस देश का संविधान का है, मैं भी कहता हूं सत्यमेव जयते।
5. जेएनयू पर हमला एक योजना के तहत है क्योंकि वे यूजीसी के विरोध में प्रदर्शन को ख़त्म करना चाहते हैं और रोहित वेमुला के लिए न्याय की लड़ाई को धीमा करना चाहते हैं। इस देश की सत्ता ने जब जब अत्याचार किया है, जेएनयू से बुंलद आवाज़ आई है, आप हमारी लड़ाई को धीमा नहीं कर सकते।
6. भारत से नहीं भाइयों, भारत में आज़ादी मांग रहे हैं. 'से' और 'में' में फर्क होता है। कुछ को तो आपने हर-हर कहकर झक लिया, आजकल अरहर से परेशान हैं।
7. आज आप छात्र और हम यहां है क्योंकि आपको लगता है कि आप पर हमला हुआ है। लेकिन यह हमला कुछ समय पहले 'स्वामी' ने किया थ।
9. ये लंबी लड़ाई है. बिना झुके, बिना रुके हमें लड़ना है. रोहित वेमुला ने जो लड़ाई शुरू की, आप और देश के शांतिप्रिय लोग इस लड़ाई को आगे ले जाएंगे और हम इस लड़ाई में जीतेंगे।
10. भारत से नहीं भारत को लूटने वालों से आज़ादी चाहते हैं। हमें भूख, भ्रष्टाचार, जातिवाद और प्रांतवाद से आज़ादी चाहिए।
(Last paragraph credit to BBC)
भुखमरी से....आजादी!
संघवाद से .....आजादी!
सामंतवाद से....आजादी!
पूंजीवाद से.....आज़ादी!
मनुवाद से.....आज़ादी!
दंगाइयों से.....आज़ादी!
हम लेकर रहेंगे आज़ादी! हम लेकर रहेंगे आज़ादी!
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