"निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।"

ये कुछ तस्वीरें हैं, जिन्होंने सच छुपा दिया और झूठ फैला दिया

{[['']]}
सोशल नेटवर्किंग साइट्स की पहुँच जितनी तेजी से लोगों तक पहुंची है उसने लोगों को उससे भी तेज गलत तथ्यों पर विश्वास करना सीखा दिया। देश में किसी भी बड़े विवाद हो जाने के बाद ऐसी फोटो सामने आतीं हैं जो शायद पहले देखीं गयीं हो, लेकिन वो फिर शेयर की जातीं हैं पर कुछ और तरीके से, कुछ अलग ढ़ंग से।
फिर क्या आजकल फोटो वायरल हुई नहीं कि लोगों ने गाली-गलोच करना शुरू भी कर दिया। इसी बीच फोटो फैलते-फैलते इतनी फ़ैल जाती है कि बाकी लोग भी उसको सच मान लेते हैं।
ऐसी ही कुछ तस्वीरें है जिनको देखकर आप समझ पाएंगे कि वास्तव में आखिर झूठ आसानी से कैसे फैलाया गया:-

 1.) जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के जेल जाने के बाद यह तस्वीर अचानक सामने आई। जिसमें उनके पीछे इस्लामिक मुल्क का झंडा दिखलाया गया है। लेकिन क्या यह असली तस्वीर थी ?
नहीं, असली तस्वीर तो ये है। जिसे कुछ अलग ढ़ंग से पेश करके इस तरह रूप दे दिया गया कि लोगों की भावनायें और भड़कें। और हुआ भी कुछ ऐसा ही, यहाँ तक कि मीडिया चैनल्स ने भी बिना जाँचे न्यूज़ फ़्लैश कर दी। 

2.) मोदी जी के साथ फोटो में छोटा राजन को भी जोड़ दिया गया। कर दिया बदनाम। लेकिन जो विरोध में रहते थे उनको मिल गया मौका। क्या ये भी था ?
जबकि असलियत तो थी कि फोटो में छोटा राजन की जगह कोई और शख्स था, जिसे हटा कर छोटा राजन को जोड़ दिया गया ।  

3.) केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति इरानी की यह तस्वीर भी बहुत वायरल हुई थी। जिसमें वह भगवान के दरबार में चप्पल पहनकर बैठी हुई हैं। इसको लेकर उनकी खूब आलोचना भी हुई। लोग उन्हें भी भला बुरा कहने से पीछे नहीं हटे। 
फिर बाद में पता लगा कि वहां तो स्मृति की जगह दक्षिण भारतीय फिल्मों की अभिनेत्री खुशबू बैठी दिख रही हैं। जो कि असली तस्वीर थी, वो बाद में सामने आई। 

4.) मोदी जी को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ता। अरे भाई गलत चीज़ों का तो साथ मत लो कम से कम। प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेन्द्र मोदी का चाय पर चर्चा कार्यक्रम बहुत प्रसिद्ध हुआ था। इसी दौरान यह तस्वीर भी सामने आई जिसमें उनके बगल में बॉलीवुड अदाकारा राखी सावंत बैठी दिख रही हैं।
असल में ऐसा कुछ था ही नहीं। सब फोटोशॉप करके कर दिया ख़राब। 

5.) क्या कर सकतें हैं आखिर, गलत लोग तो मिलेंगे ही बदनाम करने को।लोकसभा चुनावों के दौरान यह तस्वीर भी बहुत वायरल हुई थी। जिसमें मोदी आरएसएस कार्यालय में झाडू मारते दिख रहे थे। हालांकि बाद में यह भी फर्जी निकली। लोग फोटोशॉप अच्छे काम के लिए इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा। 

6.) सीधा देश पर हमला कर डाला। जेएनयू विवाद के बीच ही हिंदू संगठनों की यह तस्वीर भी सामने आई थी जिसमें उन्हें तिरंगा जलाते दिखाया जा रहा था। जबकि असली तस्वीर में वह पाकिस्तानी झंडे के साथ प्रदर्शन करते दिख रहे हैं उसे जलाते नहीं।

7. ) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी सोशल मीडिया के निशाने से कहाँ बच सकते हैं, उन पर भी लगातार हमला होता है। उसी का परिणाम है यह तस्वीर। जिसमें वह खाड़ी देशों की एयरहोस्टेस के साथ दिख रहे हैं जबकि असली तस्वीर में नजीब जंग हैं साथ में।

8.) मोदी लगातार निशाने पर रहे हैं। खाड़ी देशों के दौरे की यह तस्वीर भी आपके सामने है, जिसमें मोदी को एक शेख के पैर छूते दिखाया जा रहा है। जबकि असली तस्वीर में वह भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आड़वाणी के पैर छू रहे हैं। कितनी आसानी से देश और देशवासियों का मजाक बना दिया जाता है। 

9.) खाड़ी देशों की यात्रा के दौरान मोदी की यह तस्वीर भी बहुत वायरल हुई थी जिसमें वह एक मौलवी के साथ हाथ खोलकर-जोड़कर दुआ मांगते दिख रहे थे। हालांकि यह तस्वीर भी फर्जी निकली। असल तस्वीर भी आपके सामने है। कितनी सफाई और आसानी से कर दिया खिलवाड़। 

10.) है ना कमल की बात, माफ़ी चाहता हूँ कमल नहीं कमाल। जी हाँ कुछ इसी तरह तस्वीरों में भी भी कांट-छांट करते ही पूरा दृश्य ही बदल जाता है। कुछ ऐसा ही यहाँ हुआ, मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बुलेट ट्रेन को लेकर उनकी दिलचस्पी काफी चर्चा में रही थी। इसके बाद अचानक आई इस तस्वीर ने लोगों को चौंका कर रख दिया। जिसमें गुजरात के एक स्टेशन पर बुलेट ट्रेन खड़ी दिख रही है।
बाद में जांच में पता लगा ये तो फोटोशॉप की सफाई का नतीजा है। असली तो ये है। 

11.) मोदी जी का ये फोटो कौन भूल सकता है। चेन्नई में बाढ़ आने के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर बहुत सुर्खियां बटोरी। जिसमें वह प्लेन की खिड़की से बाढ़ग्रस्त चेन्नई को देख रहे हैं।
लेकिन इतनी सफाई से उन्होंने जायजा लिया, ऐसा कैसे हो सकता है। ये बात लोगों को समझ नहीं आई। 
समझ तो इसलिए नहीं आई क्योंकि यह तस्वीर भी फर्जी थी। हालांकि इस बार गलती सरकार की ओर से ही हुई और पीआईबी ने मोदी के ट्वीटर हैंडल पर यही फोटो शेयर कर दी। गलती सामने आने पर पीआईबी ने माफी मांगते हुए वह तस्वीर हटा दी। असल तस्वीर ये थी, जो बाद में सामने आई। 

12.) ये आखिरी तस्वीर को लोग ना चाहते हुए भी आजकल सच ही समझते हैं, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। फोटोशॉप के कलाकारों ने महात्मा गांधी जी को भी नहीं छोड़ा। तस्वीर में वह एक विदेशी महिला के साथ दिख रहे हैं।
गांधी जी की असल तस्वीर यह है, जिसमें वह जवाहर लाल नेहरू के साथ बैठे हुए हैं और हसते हुए बातें कर रहे हैं । गांधी जी कई और फोटोज ख़राब कर सामने रखीं गयीं और कुछ गलत ढंग से पेश की गयी। 

अब बात ये समझ नहीं आती कि आजकल ऐसा क्यों होने लगा है? जबकि फेक फोटो वायरल होने के तुरंत बाद या कुछ समय बाद सच्चाई तो सामने आ ही जाती है। सच्चाई को कोई सामने आने से रोक भी नहीं सकता। पर आजकल लोग आकर्षित कर लेने में ज्यादा निपुण होने लगे हैं, और इतना ही नहीं सहारा झूठ का ले लेते हैं। क्योंकि पता है ना "बुराई ही तो सबसे पहले अपने आप चिपकती है, अच्छाई तो अपनानी पड़ती है।"
(क्रेडिट:- ये सभी फोटो मुझे डेलीहंट और अमरउजाला की साइट से प्राप्त हुए। ) 

About Admin:

मैं, पीताम्बर शम्भू, आप सभी के समक्ष अपने लेख व विचारों को पेश करते हुए… हाल-फिलहाल के हालातों का ब्यौरा रखने की भी कोशिश कर रहा हूँ। अगर पसंद आये तो जरूर पढियेगा। . . धन्यवाद…।।

Post a Comment