जी, सारे काम तो कर चुके और जो नहीं हुए वो शायद दो-चार दिन में कर ही देने वाले हैं। पिछला नाम पता नहीं क्या नुकसान दे रहा था कि नया रख देने की जरूरत महसूस हो गयी। रेस कोर्स रोड बिना बात के लोक कल्याण मार्ग कर दिया, अब इतना दिमाग पर जोर डाल लिया इन लोगों ने और अब इसपर अब नया खर्चा होगा। पुराने नाम के सभी होलडिंग्स, प्लेटस, रोड साइन वगैरह सब हटेंगे। मैट्रो में भी हर जगह बदलाव किया जायेगा। रेस कोर्स मैट्रो स्टेशन में भी ये नाम ठीक किया जायेगा।
सब चीजों पर गौर करके तो यही मालूम पडता है कि इन सब की जरूरत क्या थी? अगर नाम नहीं बदला जाता तो कौन सा पहाड टूट पडता?
मेरा देश तो बदल-बदला गया, अब तो नाम ही बदलने पर जोर चल रहा है :(
पता नहीं क्या-क्या....!!!!
#रेस_कोर्स रोड का नाम अब #लोक_कल्याण_मार्ग #LokKalyanMarg 🤔— Peetamber Shambhoo (@iampeets) September 23, 2016
शायद #मेरा_देश_बदल_रहा_है का मतलब नये नाम बना देने से है। 😔😕😒 pic.twitter.com/CyMsAlHTxY
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